छूटे हैं काम कई जो वो काम अधूरे कर लूं। छूटे हैं काम कई जो वो काम अधूरे कर लूं।
सखी तुम आना सजाने अपने हाथों से यार सखी तुम आना करने मुझे आखिरी प्यार। सखी तुम आना सजाने अपने हाथों से यार सखी तुम आना करने मुझे आखिरी प्यार।
प्यार से भरदो झोली खिलने दो नादान कलियाँ। प्यार से भरदो झोली खिलने दो नादान कलियाँ।
ए सखी क्यों तू इतना मुस्कुरा रही है। किसके लिए इतना सज रही है। ए सखी क्यों तू इतना मुस्कुरा रही है। किसके लिए इतना सज रही है।
माँ शब्द, कहने वाले और सुनने वाले दोनों के मन मे एक मीठा अहसास भर देता है। आज उस माँ को नमन जिसने हम... माँ शब्द, कहने वाले और सुनने वाले दोनों के मन मे एक मीठा अहसास भर देता है। आज उस...
बन सखी उतर जाया करती हो मेरे विचारों के धरातल पर बन सखी उतर जाया करती हो मेरे विचारों के धरातल पर